कविता

रूप चतुर्दशी पर कविता : सुंदर रूप

कुछ मीठे शब्दों के उबटन से
अपनी जिव्हा को मधुर कर लें।

प्रेम का इत्र छिड़क के खुद पे
आओ ह्रदय में सुगंध भर लें।

नयनों में भरें काजल स्नेह का,
धैर्य के आभूषणों से संवर लें।

सत्य की लिपस्टिक होठों पे लगा के
अकर्मण्यता के केशों को कतर लें।

हो ईमानदारी से बेदाग त्वचा
क्रोध की झुर्रियों की व्याधि हर लें।

गुणों से चमकता शरीर औ मन हो
आओ इस सुंदर रूप को धर लें।

 

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु तीन रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक के दो रिकॉर्ड और एक रिकॉर्ड हेतु चयनित 13 पुस्तकें प्रकाशित, 10 संपादित पुस्तकें 33+ शोध पत्र प्रकाशित 50+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: [email protected] डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/