गीतिका
हसरतो को पूरा हो जाने दे !
घड़ी भर को खुद मे खो जाने दे !!
कर लूंगी मै मेरा इश्क मुकम्मल !
दिल का दर्द तो मुझे सुनाने दे !!
बैठ मेरे पास मेरे शरीके हयात !
मौत को जरा खता बताने दे !!
मिली जो उम्र पल भर के लिये !
उसमे आरजू मेरी पूरी हो जाने दे !!
ढ़ूढेगा वक्त गुजर जाने के बाद !
सरेराह दस्तूर तो निभाने दे !!
लोग कहते है कातिल है तू !
कत्ल का इल्जाम मुझे लगाने दे! !
इश्क गुनाह है जमाने के लिये !
गुनाहगार हूं मुझे ये बताने दे !!
चला कहां मुझे छोड़कर हम सफर!
खता कर और सजा दिलाने दे !!
घड़ी दो घड़ी के लिये ये उम्र भी !
वक्त है मेहरबां जलवा दिखाने दे!!
*** प्रीती श्रीवास्तव