एक प्रतिज्ञा
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
मिलकर कदम बढ़ाएंगे,
कड़वे सच से दूर रहें हम,
झूठ कभी नहीं मुख से बोलें.
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
कुसंगति से दूर रहें,
सुसंगति से नाता जोड़ें,
औरों का हम भला करें.
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
कक्षा को हम साफ रखें,
विद्यालय को साफ बनाकर,
विद्यालय का मान रखें.
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
तन-मन-धन से जुट जाएं,
मान करेंगे गुरुजनों का,
सच्ची शिक्षा हम पाएं.
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
कहा बड़ों का हम मानें,
उनके श्रेष्ठ अनुभवों से हम,
इस दुनिया को पहचानें.
एक प्रतिज्ञा आज करें हम,
सुनागरिक बन दिखलाएंगे,
राष्ट्र-एकता सुदृढ़ करके,
निज कर्त्तव्य निभाएंगे.
आदरणीय दीदी,
ऐसी प्रतिज्ञा यदि विद्यार्थी कर लें तो जीवन सफल हो जाए । सुन्दर रचना,
बहुत बधाई ।
बहुत ही सुंदर रचना बहनजी !
सुन्दर रचना लीला बहन .