नाम की धुन दीजिए
प्रिय बच्चो,
जय हिंद,
कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको अनेक विषयों पर कविता लिखना सिखाते हैं. कविता लिखना सीखते-सीखते आपको लगभग एक साल होने को आया है. आशा है अब आप परिपक्वता से कविता लिखना सीख गए होंगे. इसी क्रम में आज हम आपके लिए एक प्रार्थना-गीत प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें प्रार्थना के साथ-साथ सद्गुण-शिक्षा भी समाहित है. आप भी ऐसे छोटे-बड़े गीत लिख सकते हैं. कोशिश करके देखिए. प्रार्थना का शीर्षक है-
नाम की धुन दीजिए
हे प्रभु हम बालकों की प्रार्थना सुन लीजिए
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए-
हम जहां में ज्ञान की किरणों को बिखराएं सदा
दीन जन के दुःख हटा सुख-सुमन छितराएं सदा
कामनाए रखें कम ऐसा प्रभु गुण दीजिए
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए-
हम गगन की लालिमा से, प्यार ही सीखें सदा,
हम घटा की कालिमा, उपकार की समझें अदा
रंग हो कोई प्रभु हमें, रंग अपना दीजिए,
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए-
स्नेह से सिंचित सरोवर स्नान उसमें हम करें
हो कृपा तेरी दयामय ध्यान तेरा हम धरें
आ गए हम पास तेरे शरण अपनी लीजिए
दीजिए सद्बुद्धि हमको नाम की धुन दीजिए।
आपकी नानी-दादी-ममी जैसी
— लीला तिवानी
आदरणीय बहनजी ! बहुत सुंदर रचना । इसे स्कूलमें बच्चों द्वारा प्रार्थना की जगह गाय जा सकता है । अति सुंदर रचना के लिए व सिखाने के अनुपम प्रयास के लिए आपका धन्यवाद ।
लीला बहन , बहुत सुन्दर बाल कविता है .