किये वादे हमेशा लोग करके भूल जाते हैं
किये वादे हमेशा लोग करके भूल जाते हैं
बहुत मसरूफियत है लोग सजदे भूल जाते हैं
मिला है जख्म जिसको याद रक्खेगा फक़त वो ही
जहां के लोग कुछ दिन में ही किस्से भूल जाते हैं
हमें मंजिल दिखाई थी कभी जिन रास्तो ने हम
सभी अक्सर बड़े होकर वो रस्ते भूल जाते हैं
बदौलत जिन फरिश्तों की मिली है ज़िन्दगी हमको
उन्हीं माँ बाप को कहना फरिश्ते भूल जाते हैं
ज़माने की हकीकत एक ये भी जान लो बंसल
नही हो काम तो फिर लोग रिश्ते भूल जाते हैं
सतीश बंसल
०१.१०.२०१७