गीतिका/ग़ज़ल

किये वादे हमेशा लोग करके भूल जाते हैं

किये वादे हमेशा लोग करके भूल जाते हैं
बहुत मसरूफियत है लोग सजदे भूल जाते हैं

मिला है जख्म जिसको याद रक्खेगा फक़त वो ही
जहां के लोग कुछ दिन में ही किस्से भूल जाते हैं

हमें मंजिल दिखाई थी कभी जिन रास्तो ने हम
सभी अक्सर बड़े होकर वो रस्ते भूल जाते हैं

बदौलत जिन फरिश्तों की मिली है ज़िन्दगी हमको
उन्हीं माँ बाप को कहना फरिश्ते भूल जाते हैं

ज़माने की हकीकत एक ये भी जान लो बंसल
नही हो काम तो फिर लोग रिश्ते भूल जाते हैं

सतीश बंसल
०१.१०.२०१७

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.