जब स्वयं के अवगुणो पर ध्यान धरना आ गया
जब स्वयं के अवगुणो पर ध्यान धरना आ गया
दूसरों की बात का सम्मान करना आ गया
गरदिशों के दौर ने दे दी मुझे ऐसी नज़र
कौन अपना है मुझे पहचान करना आ गया
जब किया खुद पर भरोसा तो हुआ ऐसा असर
मुश्किलें अपनी सभी आसान करना आ गया
देश की खातिर जवानों की शहादत देखकर
शोर्य का उनके मुझे गुणगान करना आ गया
जब सुनी गौरवमयी इतिहास की बातें मुझे
पूर्वजों के मान का सम्मान करना आ गया
सतीश बंसल
१७.०९.२०१७