विजय पताका लहराई है
27/10/2017
शुभ प्रभात मित्रों,
आज का दिन बहुत खास व महत्वपूर्ण है आज हमारे मित्र मंडल के आदरणीय सदस्य श्री विजय सिंघल जी, का जन्मदिन है. हमारे स्वाति नक्षत्र ,परिवार व मित्रों की टोली और युवा सुघोष, जय विजय के कर्णधार, परिवार के सभी सदस्यों की तरफ से आप को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं आप के उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएँ आप सदा खुश रहे और हंसते रहे ये ही हम सभी मित्रों की परमेश्वर से प्रार्थना है जन्मदिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
-जय प्रकाश भाटिया
विजय पताका लहराई है, वाह’ इन्द्रधनुष सा हुआ नजारा!
जन्मदिवस की खबर सुनी तो ,महक उठा ये आलम सारा!
यश और कीर्ति संग सदा बनी रहे, जीवन से ये नातेदारी!
सिमटी हों आपकी बाँहों में, दुनिया भर की खुशियां सारी
न्यारे नन्हे फूलों से महके ,आपके जीवन की फुलवारी!
घर घर पहुंची आपकी शोहरत ,ऐसी आपने बाज़ी मारी,
लबों पे आपके नाम प्रभु का, जीवन है कितना संस्कारी,
जन जन की सेवा करने में ,कभी ना आपने हिम्मत हारी,
जन्मदिवस की खबर सुनी तो महक उठा ये आलम सारा
प्यारे मित्र जरा अपना लो, सत्कार भरा उपहार हमारा!
कभी न आपके पथ में आयें, दुःख दर्द के जख्मी खार!
ईश्वर आपको हर पल दे बस, सारी खुशियाँ और बहार!
आपका लेखन परिजनों को, देता है एक अदभुत जोश,
युगों युगों तक देगी प्रेरणा ,‘जय विजय’, और ‘युवा सुघोष’,
मित्र आपकी खुशियों से, कायम है ‘साहित्य संसार’ हमारा!
जन्मदिवस की खबर सुनी तो महक उठा ये आलम सारा!”-
प्यारे मित्र जरा अपना लो, सत्कार भरा उपहार हमारा!
27/10/20147- जय प्रकाश भाटिया
कृपया कविता की हर पंक्ति का पहला अक्षर ऊपर से नीचे को पडे,
बहुत बहुत आभार आपका, आदरणीय ! अभिभूत हूँ आप सबका इतना प्यार पाकर !
आदरणीय विजय सिंघल जी के जन्मदिवस के इस शुभ अवसर पर आपने उन्हें अपनी इस नायाब रचना का उपहार भेंट किया है जो निश्चित ही उन्हें पसंद आएगा । सभी पाठकों , लेखकों व रचनाकारों की तरह ही श्री विजय सिंघल जी को मेरी भी शुभकामनाएं । आपको भी इस सुंदर उपहार के लिए धन्यवाद ।
आभार, आदरणीय !