कैसी साख किसकी साख
कैसी साख , किसकी साख ? आजकल साख शब्द की बहुत चर्चा हो रही है / मोदी की साख , राहुल की साख , गुजरात की साख ! लगता है गुजरात के लोग इस बार साख का चुनाव करेंगे / मुझे एक किस्सा याद आ रहा है की एक बार बादशाह अकबर दरबारियों से पूछे की किस नदी का पानी सबसे अच्छा है / लोगो ने कहा की गंगा का / कुछ देर बाद बीरबल आये तो बादशाह ने उनसे भी यही पूछा / बीरबल ने कहा जमुना का ! सारे दरबारी उखड गए और बीरबल को भला बुरा कहने लगे / बादशाह भी बोले की बीरबल सारा देश गंगा जल को अच्छा कहता है और तुम जमुना को / बीरबल बोले की हुजुर आप जल की बात कर रहे हो इसलिए मैंने जमुना को बताया , गंगा का जल जल नहीं अमृत है फिर उसकी जल से तुलना कैसी ? जिस राहुल की कोई साख ही नहीं है उसकी तुलना मोदी से कैसी ? साख न तो मोदी की और न ही राहुल की , किसी की भी दाव पर नहीं लगी हुई है / दाव पर लगी हुई है तो गुजरात की लगी हुई है / गुजरात जो देश के लिए शान्ति , सुख समृद्धि , विकाश को लेकर एक माडल बन चुका है क्या वह बिहार या बंगाल बन जाएगा / और वह भी एक एक दो शार्टकट नेताओं के खातिर / आरक्षण केवल गुजरात नहीं पुरे देश की समस्या है और दीर्घकालीन समस्या है इसके लिए गुजरात अपने ऊपर बिहार जैसा दाग नहीं लगने देगा / कैसी बिडम्बना है की हमारे बुद्धिकार उस साख शब्द की विवेचना कर रहे है जो आज किसी राजनेता के पास है ही नहीं / अगर छल कपट से सत्ता पाने को साख कहते है तो यह दूसरी बात है / ऐसी अवस्था में निश्चित तौर पर जनता की कोई साख है ही नहीं जो भी साख है नेताओं की है / गुजरात में साख नहीं सत्ता की लड़ाई है जिसे राहुल दो ३६ जैसे सेनापतियो के सहयोग से जीतना चाहते है / इ दोनों सेनापति राहुल की नैया कैसे पार लगायेंगे दिलचस्पी का विषय है न की साख का !
राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय
बहुत बढ़िया आदरणीय पांडेय जी !
राजकुमार जी , सराहना के लिए धन्यबाद /