स्मॉग (लघुकथा)
वह टीबी की बीमारी से जूझ रहा है. डॉक्टर्स ने कहा है, बदलते मौसम में खानपान का रखें ख्याल. भरपूर सब्जियों और मसालों वाला दलिया हड्डियों को मजबूत रखेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में भी मदद करेगा. उसे खाने को खिचड़ी तक नसीब नहीं होती है. डेयरी प्रॉडक्ट्स के नाम पर घर में केवल उसे ही आधे कप दूध में आधा कप पानी मिलाकर दिया जाता है. 2 घंटे बर्तन घिसने के बाद मिले दस रुपयों में से मां उसके लिए साढ़े सात रुपर में एक गाजर लाई, शरद ऋतु का समय अपने पूरे शबाब पर था. टीबी की बीमारी ने भी शबाब दिखाया. वह कब तक दम खींच पाता! इधर दिल्ली के स्मॉग ने दम दिखाया, उधर उसके दम ने ही दम तोड़ दिया.
आदरणीय बहनजी ! आज दिल्ली तथा आसपास फैली वायु प्रदूषण का जिम्मेदार भी मानव ही है और इससे सबसे अधिक प्रभावित भी मानव ही है । समर्थ लोगों के मुकाबले अभावों में जीनेवाले इन मानवजनित दुश्वारियों का शिकार अधिक होते हैं । वह भी मानव जाति की गैरजिम्मेदाराना हरकतों की बलि अपनी गरीबी की वजह से चढ़ गया । सुंदर मार्मिक लघुकथा के लिए आपका धन्यवाद ।
प्रिय ब्लॉगर राजकुमार भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको ब्लॉग बहुत सुंदर लगा. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. आज दिल्ली तथा आसपास फैली वायु प्रदूषण का जिम्मेदार भी मानव ही है और इससे सबसे अधिक प्रभावित भी मानव ही है. समर्थ लोगों के मुकाबले अभावों में जीनेवाले इन मानवजनित दुश्वारियों का शिकार अधिक होते हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
लीला बहन , लघु कथा में गरीब की हालत को बिआन किया गिया हैं .एक तरफ स्मोग दुसरी तरफ गरीबी और बीमारी .किया करेगा विचारा .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. एक तरफ स्मॉग तो दूसरी तरफ गरीबी और बीमारी, बिचारा गरीब क्या करेगा? ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.