फूलों की कविताएं
प्रिय बच्चो,
जय हिंद,
कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको अनेक विषयों पर कविता लिखना सिखाते हैं. कल 14 नवंबर यानी चाचा नेहरु का जन्मदिवस यानी बाल दिवस था. आप बच्चे फूल के समान कोमल हैं. चाचा नेहरु को बच्चे भी पसंद थे और फूल भी. आपने उनका चित्र देखा होगा, वे अपनी अचकन पर हमेशा गुलाब का फूल लगाए रखते थे. आज हम आपको कविता में फूलों की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाते हैं-
1.मन अच्छा ही रखना
सपनीले रंगों वाले हम,
सपनों में खोए रहते।
सदा सजाए रखना सपने,
प्रभु से हम हरदम कहते॥
प्रभु ने अच्छा मन दे डाला,
सुमन हमारा नाम पड़ा।
हे प्रभु मन अच्छा ही रखना,
होगा यह उपकार बड़ा॥
2.रहे न कोई भी ग़मगीन
हम कोमल हैं रंगबिरंगे,
हमसे ही दुनिया रंगीन।
देते हम संदेश जगत को,
रहे न कोई भी ग़मगीन॥
हम ही तो सबको सिखलाते,
महक-महक जग को महकाओ।
अनुशासित रह, परिश्रम करके,
धैर्य से जीवन में जय पाओ॥
आपकी नानी-दादी-ममी जैसी
— लीला तिवानी
आदरणीय बहनजी ! बहुत सुंदर बाल कविताओं के किये आपका आभार !
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
बच्चों के लिए सुन्दर बाल रचना लीला बहन .