कविता

इंतज़ार

 

 

 

 

 

मेरी रूह
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कुछ लम्हो मे सिमट…
वक्त के साथ चलते रहे..
किस्मत आने की हसरत..
अपने धुन मे बढ़ते रहे…

अपनो का साथ लेकर…
बात दिल से सुनते रहे..
मिल के बने अजनबी..
खुद को भी बदलते रहे…

न शिकवा न शिकायत…
अपनो को समझते रहे….
सिला क्या मिले रिश्तो से…
ऐसी सोच से कोसो दूर रहे…

टिक-टिक वक्त की घडी़…
यूँ खामोशी से देखते रहे….
ज़िंदगी के हर मुश्किल को… 
समझ के सुलझाते ही रहे…

दिल अडा़ ख्वाहिशो पे…
आईने का सच देखते रहे..
वक्त पे किस्मत का तारा..
नंदिता इंतज़ार में भी चलते रहे…!!

#नंदिता@

17.11.2017

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail [email protected] Facebook [email protected]