इंतज़ार
मेरी रूह
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कुछ लम्हो मे सिमट…
वक्त के साथ चलते रहे..
किस्मत आने की हसरत..
अपने धुन मे बढ़ते रहे…
अपनो का साथ लेकर…
बात दिल से सुनते रहे..
मिल के बने अजनबी..
खुद को भी बदलते रहे…
न शिकवा न शिकायत…
अपनो को समझते रहे….
सिला क्या मिले रिश्तो से…
ऐसी सोच से कोसो दूर रहे…
टिक-टिक वक्त की घडी़…
यूँ खामोशी से देखते रहे….
ज़िंदगी के हर मुश्किल को…
समझ के सुलझाते ही रहे…
दिल अडा़ ख्वाहिशो पे…
आईने का सच देखते रहे..
वक्त पे किस्मत का तारा..
नंदिता इंतज़ार में भी चलते रहे…!!
#नंदिता@
17.11.2017