कुण्डली/छंद

बीजू के छक्के – पिज़्ज़ा

डिब्बा है चौकोर पर, खुद है गोल-मटोल
काट तिकोने प्यार से, उसको पिज़्ज़ा बोल
उसको पिज़्ज़ा बोल, बेस है मोटा सूखा
उस पर गीली पर्त, देख ललचाये भूखा
“बीजू” यह है राजकुमार इटली का भाई
गोरी चमड़ी अपने संग भारत में लाई

पिज़्ज़ा में मिल जायेंगे, तरह-तरह के स्वाद
एक बार जो खाओगे, तो रोज करोगे याद
रोज करोगे याद, टॉपिंग हैं कई प्रकार की
जैसी चाहो लो, पसंद अपनी व यार की
“बीजू” खाकर बच्चे बूढ़े भी इतराते
बार-बार अपने होंठों पर जीभ फिराते

बीजू ब्रजवासी
मार्गशीर्ष कृ १४, सं २०७४ वि (१७ नवम्बर २०१७)

2 thoughts on “बीजू के छक्के – पिज़्ज़ा

  • राजकुमार कांदु

    बहुत सुंदर !

    • विजय कुमार सिंघल

      धन्यवाद भाईसाहब !

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