वयस्क होता बचपन
अक्सर …
ट्रैफिक सिग्नल पर ख्वाब बेचते,
ठण्ड में जमे से… अलाव सेंकते!
जूठन से कहीं हैं भूख मिटाते,
फुटपाथ पर जीवन के… सपने सजाते!
कूड़े के ढेर से उम्मीद को चुनते,
अपशब्द – गालियाँ रोज हैं सुनते !
नाजुक हाथों से बोझ उठाते ,
कब मासूम… बड़े बन जाते 😢
धूल, कीचड़, और गंदगी से पटी गलियों में ….
वयस्क होता दिखता है बचपन ! !
अंजु गुप्ता
बहुत सुंदर