शब्दों के पुल
बुरे होते हैं ,
शब्दों के जाल ,
उलझ जाता है आदमी ,
फंस जाता है ,
मकड़ी की तरह ,
निकल नहीं पाता फिर बाहर
सरलता से……,
मगर…,
शब्दों के पुल,
जोड़ते हैं ,
मन-भेदों-मतभेदों की नदियां
लाँघ ,
ह्रदय की बस्तियां |
शब्दों के पुल ,
सौभाग्य का क्षितिज ,
और पास ला देते है
आदमी के पास ,
जहां से , छू सकता है चाँद को ,
देख सकता है ,
आकाश-गंगा ,
गिन सकता है क्षितिज के सितारे ,
इसलिए ,
जीवन में अच्छे शब्दों से ,
निर्मित करते रहना सदैव, नए-नए पुल …||