ग़ज़ल होती है …
आँख से आँख मिलाना ग़ज़ल होती है |
दिल में फूल खिलाना ग़ज़ल होती है ||
वो प्यार के रस्ते वो सफ़र तन्हा |
चलना चलते जाना ग़ज़ल होती है ||
वो काली रात का आलम वो तन्हाई |
छत पर चाँद का आना ग़ज़ल होती है ||
झांकना घूँघट से और मुस्कुराना |
उठाकर आँख झुकाना ग़ज़ल होती है ||
बेवफाई – सितम – गिले – शिकवे सारे |
सहकर मुस्कुराना ग़ज़ल होती है ||
चदरिया ओढ़कर हसीं यादों की |
लेटना – सुस्ताना ग़ज़ल होती है ||
सुबकना दिल खोलकर तन्हाई में |
महफ़िल में गुनगुनाना ग़ज़ल होती है ||
बसकर वफा की हसीं गलियों में |
रस्मे प्यार निभाना ग़ज़ल होती है ||
फूलों पर मस्त भंवरों का मंडराना |
इश्क में लुट जाना गजल होती है ||
चुनकर तिनका – तिनका परिंदों की तरह दर्द |
इक हसीं नीड़ बनाना ग़ज़ल होती है ||
— अशोक दर्द