गीत/नवगीत

बस तुम चले आना

रात गहरी औ
आसमां में छायें सितारे
ख्वाहिशों की तरह….
बस तुम चले आना..
ख़यालों में औ
चांद कर जायें इशारे
दुआ की तरह….
बस तुम चले आना
सूनी फिज़ा औ
मदहोश हवायें पुकारे
धड़कनों की तरह…
बस तुम चले आना
गरजे बादल औ
बिखरती जायें बूंदें
बहते अश्क की तरह..
बस तुम चले आना
सांसो की डोर औ
हदों से टकराये नज़ारे
तन्हाई की तरह….
बस तुम चले आना
हर्फ़ों  के साज़ औ
दिल हो जाये बेज़ार
अहसास की तरह…
बस तुम चले आना
खामोश वफा औ
फ़ासले कराये एतबार
जिंदगी की तरह…
बस तुम चले आना
   वक्त के गहरे सायें औ
   मेरी रुह -ए-करार
                   बस तुम चले आना…!!
#नंदिता@
“रुह”

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail [email protected] Facebook [email protected]