गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

संग बिताया जमाना हमसे भूला न जायेगा !
किये वादे जो तुमने हमसे कौन निभायेगा!!

मैने गलियां करी गुलजार तुम्हारी रो रो कर !
यही सोचकर अक्सर दिल मेरा घबड़ायेगा !!

कत्ल करने से पहले तुमने कुछ सोचा नही !
कातिल का पता कातिल खुद ही बतायेगा !!

सांसो का कारवां अगर यूं ही चलता रहा!
धड़कनो मे सिर्फ तेरा नाम लिखा जायेगा !!

न कोई है हमसफर दूजा कोई न आयेगा!
दिल की वीरांन गलियो मे तू ही मड़रायेगा !!

थाम लेना हमे इस भरी दुनिया की भीड़ मे !
टूटने से पहले मालूम है तू पिघल जायेगा !!

है भरोसे की डोर हाथ मे मेरे दिलबर!
गर छूटी डोर दम मेरा निकल जायेगा !!

प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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