गीतिका
संग बिताया जमाना हमसे भूला न जायेगा !
किये वादे जो तुमने हमसे कौन निभायेगा!!
मैने गलियां करी गुलजार तुम्हारी रो रो कर !
यही सोचकर अक्सर दिल मेरा घबड़ायेगा !!
कत्ल करने से पहले तुमने कुछ सोचा नही !
कातिल का पता कातिल खुद ही बतायेगा !!
सांसो का कारवां अगर यूं ही चलता रहा!
धड़कनो मे सिर्फ तेरा नाम लिखा जायेगा !!
न कोई है हमसफर दूजा कोई न आयेगा!
दिल की वीरांन गलियो मे तू ही मड़रायेगा !!
थाम लेना हमे इस भरी दुनिया की भीड़ मे !
टूटने से पहले मालूम है तू पिघल जायेगा !!
है भरोसे की डोर हाथ मे मेरे दिलबर!
गर छूटी डोर दम मेरा निकल जायेगा !!
— प्रीती श्रीवास्तव