गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका : गुरु –महिमा

मान गुरु कहना सफल होते हैं
ज्ञान महिमा से कुशल होते हैं |
रोज़ हो गुरु मान दृढ़ हो सीखे
पथ दिखाने में प्रबल होते हैं |
हैं खज़ाना दान जो कम होते
प्रेम पाये से विमल होते हैं |
देख मुश्किल में दखल होते हैं
बत्स खिले बढ़ते अवल होते हैं |
गुरु नमन अपने सरल होते हैं
जिंदगी में जो असल होते हैं |

— रेखा मोहन

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]