हास्य व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य – भड़के हुए फूफाओं का आंदोलन

विवाह का मौसम है,आशिकों के दिलो पर गेहुंअन सांप लोट रहा है लोटे भी क्यू न, आंख के सामने खुद की बर्बादी कैसे सहन करें, पछिया हवा दर्द का झोंका लिए सनसनाती करेजा मे शूल के जैसे चुभ रही, दिल शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी के जैसे बिहेव करते-करते बेवफाई कर गया.

जिमी-जिमी आजा आजा और आज मेरे यार की शादी है टाईप पारम्परिक गानो के बाद बारात भी अब दरवाज़े पर आ खड़ी है, जिनके साथ गोलगप्पे, झाल मूड़ी और जलेबी खाते हुए सात जन्मों तक जीने मरने का ख्वाब देख रहा था, उनके विवाह में ही पूरी-सब्जी और सिल्वर प्लेट पांत मे बैठे बारातियो को बांटने की रिस्पांसिबलिटी मिली है, हाय रे करेजा, ऐतना बुरा समय आ गया, भगवान अईसन दिन दुश्मन को भी न देखाए, उफर पड़ो देवता पीतर के, बजरंग बली, भोले बाबा,  मलंग बाबा से लेकर जमुनिया माई तक सब मुंह मोड़ ली है, कहाँ जाए अब ललनमा, शरीर सुन्न पड़ गया है. आंखो के आगे अंधेरा छा रहा है लेकिन मुहल्ले के सबसे योग्य लड़का होने के नाते मैनेजमेंट की जिम्मेदारी मिली है.

हाथ में आलू-गोभी सब्जी वाला बाल्टी लिए गोभी छान-छान कर बारातियो को खिला रहा. बारातियों में दूल्हे के निठल्ले भाईयों को केयर करने की जिम्मेदारी का उपयुक्त तरीके से निर्वहन भी कर रहा, दूल्हे के फूफाओं और मामाओं को संतुष्ट करने के लिए ललनमा द्वारा किए गए मैराथन प्रयासों के बावजूद फूफा असंतुष्ट दिख रहे. क्षण मे भड़क जा रहे, पनीर पकोड़े से लेकर रसगुल्ले तक सभी मे नमक कम होने की शिकायत अब तक दर्जनों बार दूल्हे के पिताजी गजोधर पांड़े से कर चुके है, तभी किसी प्रबुद्ध बुजुर्ग उन्हें बताया कि रसगुल्ले मे नमक कहाँ पड़ता है जी, आप तो ऐसे ही कमी निकालने का मन है,

अब तो फूफा जी पिनपिनाते हुए थाली झटकते हुए बोले कि कई तरह की कुव्यवस्थाएं है आप मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास न करें. साउंड लाईट की समस्या है, कहीं चार्जिंग प्वाइंट नहीं लगवाए है, बारात मे आई एंजल टीना, प्रिया, एंजल वसंती लड़कियां लोल टेंढा करके पाउट बना तो रही है लेकिन फोटो क्लियर न आ रहा, क्या आप इससे अवगत नहीं थे कि नई जेनरेशन को खाने के लिए दो वक्त की रोटी मिले न मिले दो वक्त की सेल्फी आवश्यक है, जनरेटर की समस्या है, ध्वनि प्रदूषण करवा रहे है, भौतिक मुद्रा अर्थात लिफाफा के बजाए स्वाईप मशीन होना चाहिए था or PayTm होना चाहिये था. क्या आप मोदी जी के अभियानों से अवगत नहीं, यदि वधू पक्ष उक्त व्यवस्था करने मे सक्षम नहीं था तो हमसे बोले होते, उत्तम प्रबंध करवा देते. सोलर लगवा देते महराज, साल मे दर्जनों विवाह हम करवाते है और हमरे भतीजा के शादी में घोटाला.

अरबो का ज्ञान मुफ्त में बांट रहे दूल्हे के फूफा जी को झटका तो तब लगा जब व्हॉट्सएप ग्रुप मे बिहार फूफा एसोसिएशन का मैसेज आया है कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी अपने बेटे की शादी साधारण तरीके से किया है, कोई दहेज नहीं, कोई आडंबर नहीं, ग्रुप एडमिन होने के नाते फूफाजी ने तड़ाक से गुस्सा वाला इमोजी टाईप किया है और बारात मे ज्ञान देना छोड़ के द्रुत गति से भागते हुए आए इनटेक्स के पावर बैंक में मोबाईल को चार्ज मे घुसेड़ दिये है, पूरे बारात मे आमेजन के जंगल की आग की तरह बात फैल गई कि फूफा जी नाराज हो गए है, तरह तरह की चर्चाएं चल रही है.

इधर फूफाजी अपने व्हॉट्सएप ग्रुप एशोसिएशन मे इस बात की चर्चा मे लगे है कि ऐसा कैसे संभव है, अगर विवाह मे दहेज न ले,आडंबर ही न हो, बैंडबाजे न हो, भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन की व्यवस्था न हो. हम फूफीजात किस दिन के लिए है, हम मीनमेख कहां निकालेंगे, हम नुस्ख कहाँ निकालेंगे, एक ही तो मौसम होता है विवाह का।

क्या NDA Govt द्वारा फूफाओं को उनके मौलिक अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है?
क्या फूफा बिरादरी के इतिहास से छेड़छाड़ किया जा रहा है?
क्या मोदी सरकार हम फूफाओं को नियंत्रित करने के लिए कोई policy ला रही है?

अगर ऐसा है तो हम नहीं सहेंगे, हम अपने परंपरा को नहीं छोड़ेंगे, फूफीजात इसका पूरा विरोध करेगा, यह हमारे फूफत्व का अपमान है.

इसी बीच बिहार फूफा Association के एक क्रांतिकारी फूफा ने करणी सेना से प्रेरणा लेते हुए, सुशील मोदी जी के पुत्र की शादी कराने वाले पंडित जी के बाल मुंडन करने वाले योद्धा को 21 रुपया नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है, UP फूफा Association का भी साथ मिलता दिख रहा है, सोशल मीडिया में लहर चल पड़ी है, फेसबुक , twitter पर हैशटैग आई स्टैँड विथ फूफा के नाम से लोग लिख रहे है. भड़के हुए फूफाओं ने इसे आंदोलन का रुप देने का निश्चय किया है, राजस्थान फूफा संघ के चीफ गेजेंद्र सिंह गंजेरिया उर्फ पलटू पहलवान ने भी विवाह कराने वाले पंडित के नाक कान काटने पर एक किलो आयोडीन नमक देने की घोषणा की है, पलटू पहलवान ने कल भारतबंद का ऐलान What’s up पर ही कर दिया है,

इसी बीच गजोधर पांडे ने ललनमा की क्षमता को देखते हुए भड़के फूफा को कनविंस करने की जिम्मेदारी दी है, टूटे-फूटे करेजा पर ईंट- पत्थर रखते हुए ललनमा फूफा को मनाने आया है. फूफा तो व्हॉट्सएप , Facebook पर आंदोलन को सफल बनाने में लगे है, अचानक से नजर गई है दिव्य प्रकाश में समाई हुई छवि की ओर, अरे ये तो बारात मे आई एंजल टीना है, रात के ढाई बजें मुंह को बीड़ी पीने टाईप बना के अंधेरा मे फ्लैश लाईट जला के सेल्फिया रही, शाम मे क्रीमपोत पात के आई थी तो कटरीना लग रही थी अब मेकअप उतरने के बाद कटरीना से direct ओमपूरी, मोहतरमा को देख के ललनमा तो डर के मारे गिरते परते भागा है,  हम भी चलते है फूफों के फूफत्व को बचाने के लिए आंदोलन करने.

जय महिष्मति
– आनंद कुमार

आनंद कुमार

विद्यार्थी हूं. लिखकर सीखना और सीखकर लिखना चाहता हूं. सीतामढ़ी, बिहार. ईमेल[email protected]