क्या सोचते हो….अभी भी
बातें तो बहुत हैं, सीधी की
हर जगह जोर की आवाज में
मीठी – मीठी सुनाई दे रही हैं
अपने आचरण के लिए नहीं
दूसरों को बताने के लिए हैं
मनुवाद की छाया है वह
जीभ – जीभ का राजा है
दलितों को अभी भी
ठगते – फिरोता रहा है।
अमानवीयता का व्यवहार
देश के कोने – कोने में
हर हरकतें उसकी है।
बाबा की उँगली है सामने
महान लक्ष्य की ओर
ईशारा करती रही…
अस्मिता का चेहरा दिखाते
अपने आपको ईजाद करते
आगे बढ़ते जाओ..
आगे बढ़ते जाओ…
देखो उस उँगली को,
ताकत है उसमें कितनी
संसार की है वह चेतना
मानवीयता का सबक है
इंसानियत को बचाने का
सुंदर संदेश है अपनाने का।