रक्तदान जीवनदान है, आपके द्वारा दिया गया रक्त कई जिंदगियों को बचा जाता है। रक्तदान की असली अहमियत का हमें उस समय पता चलता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए संघर्ष कर रहा हो। रक्तदान केवल रक्त का दान नहीं है बल्कि रक्तदान से अभिप्राय किसी जरूरतमंद को जीवन के दान से है, साथ ही आप उस जरूरतमंद व्यक्ति और उसके परिवार वालों को खुशियाँ भी दान में देते हो। इससे आपको ऐसी ख़ुशी मिलती है जिसे बयाँ नही किया जा सकता। इस अहसास को व्यक्ति तभी अनुभव कर सकता है जब उसने किसी के लिए रक्तदान किया हो।
दुर्घटना या बीमारी का शिकार हम में से कोई भी हो सकता है। हम एक शिक्षित समाज के नागरिक हैं, जो अपने साथ -साथ दूसरों की भलाई के बारे में भी सोचते हैं। इसीलिए इस महान कार्य में हमें अपना योगदान अवश्य देना चाहिए ताकि खून से पीड़ित लोगों को एक नया जीवन दान मिल सके। स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त ही सबसे सुरक्षित होता है। गर्भवती माताओं एवं अन्य गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों हीमोफीलिया/ थैलीसीमिया जैसे रोग से ग्रसित बच्चों को रक्तदान के माध्यम से नवजीवन दिया जा सकता है।
बहुत से लोग अक्सर यह सोचते हैं कि रक्तदान से उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है जो कि गलत है। विशेषज्ञों के मुताबिक 18 वर्ष से 65 वर्ष तक का कोई भी स्वस्थ इंसान और जिसका वजन लगभग 45 किलोग्राम से अधिक हो तीन महीने के अंतराल के बाद रक्तदान कर सकता है। रक्तदान कोई मुश्किल कार्य नहीं होता बल्कि इससे शरीर को कोई नुक्सान भी नहीं पहुंचता और ना ही किसी प्रकार की कमज़ोरी होती है बल्कि शरीर से निकाला गया खून कुछ दिनों के पश्चात नया खून बन जाता है। इसीलिए हर साल बहुत सारे रक्तदान कैंप लगाए जाते हैं और डोनेट किये हुए खून को ब्लड बैंक में जमा कर दिया जाता है। जब किसी मरीज को खून की जरूरत पड़ती है तो उसे ब्लड बैंक से निकालकर दे दिया जाता है।
इसीलिए कहा गया है के रक्तदान महादान है क्योंकि डोनेट किया गया खून किसी मरीज की जान बचाता है, इसीलिए हम सभी को रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
रक्तदान के लाभ :
रक्तदान करने से ना सिर्फ आप सामने वाले के जीवन को बचाते हो बल्कि ये आपके लिए भी कई तरह से लाभदायक होता है जैसे
हार्ट अटैक : हार्ट अटैक की ज्यादातर समस्या का कारण खून का गाढ़ा होना होता है किन्तु जब आप रक्तदान करते हो तो इससे आपका खून पतला हो जाता है। जिससे आपको दिल से संबंधी किसी भी बीमारी के होने की संभावना कम होती है तथा आपका हृदय भी स्वस्थ रहता है।
कैंसर : रक्तदान के बाद व्यक्ति के शरीर में दोबारा से खून का निर्माण होता है जोकि साफ़, ताजा और स्वच्छ इसलिए नये खून में किसी भी बीमारी से लड़ने की ताकत अधिक होती है। ये नया खून शरीर के सभी विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकल देता है। जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है।
तंदुरुस्ती : क्योकि रक्तदान के बाद नया खून बनता है और खून में रेड ब्लड सेल होते है तो इस तरह रक्त दान के बाद शरीर में नये रेड ब्लड सेल का आना भी शरीर के लिए लाभदायक है जिससे शरीर की तंदुरुस्ती बढती है और व्यक्ति का शरीर हष्ट पुष्ट रहता है।
वजन कम : इससे व्यक्ति की ज्यादा कैलोरी की खपत होती है जिससे शरीर में वसा नही बनती और व्यक्ति का वजन नही बढ़ पाता और उसका शरीर स्वस्थ बना रहता है। इसके अलावा शरीर का कोलेस्ट्रोल और रक्तचाप भी सही रहता है।
हमारे देश में हर साल लगभग 80 लाख यूनिट रक्त की जरुरत होती है, जबकि 50 लाख यूनिट रक्त ही मिल पाता है जो कि बहुत कम है। इसीलिए हमारे देश में लाखों मरीज रक्त के इंतजार में दम तोड़ देते हैं। इंसानियत के नाते हमें हर तीन महीने में रक्तदान करना चाहिये और दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति अपनी स्वयं की इच्छा से बिना किसी लालच के रक्तदान करता है तो उस व्यक्ति का रक्तदाता कार्ड / रक्तदाता ऋण प्रमाण पत्र बना दिया जाता है। इस कार्ड का लाभ उन्हें यह होता है कि 12 महीनो के अंदर जब भी उसे या उसके परिवारजनों को रक्त की जरूरत पड़ती है तो वो इस कार्ड को दिखाकर ब्लड बैंक से 1 यूनिट खून पा सकता है। इन सब बातों से रक्तदान का महत्व और भी बढ़ जाता है। परंतु बहुत से ऐसे लोग हैं जो रक्तदान को कमाई का एक जरिया बनाने की कोशिश करते हैं और पैसों के लिए रक्त को बेचते हैं किन्तु आप ऐसा न करने और रक्तदान की पवित्रता और इसके उद्देश्य को समझते हुए समाजसेवा की भावना या अपने मन की शांति के लिए ही रक्तदान करें। इससे आपको भी खुशी मिलेगी और सामने वाला भी हमेशा आपका आभारी रहेगा।
रक्तदान से पहले इन बातों पर ध्यान जरुर दें :
– रक्तदान से पहले आप अपने खून, हिमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर और वजन की जांच जरुर करवा लें और इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपको कोई बीमारी ना हो जैसे कि हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, एड्स, मलेरिया इत्यादि। अगर आपके खून में इनमें से किसी भी बीमारी के लक्षण हैं तो आप रक्तदान बिलकुल ना करें क्योकि इसका कोई लाभ नही होगा बल्कि जिसे आप रक्तदान कर रहें है उसे भी आपकी बीमारी हो जायेगी।
– अगर आपकी उम्र 18 साल और आपका वजन 45 किलोग्राम या इससे अधिक है तभी आप रक्त दान कर सकते हैं। इसके अलावा पुरुष हर तीसरे महीने और स्त्री हर चौथे महीने रक्तदान कर सकती है।
– रक्तदान करने से पहले आप किसी भी तरह के नशे से बचें। अगर आपने रक्तदान से 2 दिन पहले तक शराब भी पी है तो इस स्थिति में भी आप रक्तदान न करें।
विश्व रक्तदाता दिवस प्रत्येक वर्ष 14 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। वर्ष 2004 में स्थापित यह दिवस समाज में रक्तदान के बढ़ते महत्त्व के प्रति जागृति एवं सजगता पैदा करने के अभिप्राय से मनाया जाता है। विश्व रक्तदाता दिवस के दिन विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा अनेक आयोजन एवं गोष्ठिया आयोजित की जाती हैं तथा सरकारी सोसाइटी एवं सामाजिक संगठनों द्वारा नियमित रूप से स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को सम्मान दिया जाता है।
लेखिका : डॉ सुलक्षणा