किस्तें
“अरे रीमा, जरा चेक साइन कर देना। अमाउंट मैं भर लूंगा । दो-तीन लाख तो होगा ना तुम्हारे एकाउंट में ?” आफिस जाती हुई रीमा से रमेश बोला ।
रमेश-रीमा की शादी हुए अभी एक माह ही गुजरा था। बिन दहेज की इस शादी के अखबारों और स्थानीय न्यूज़ चैनल में खूब चर्चे हुए थे ।
यकायक इतनी बड़ी रकम सुन कर रीमा थोड़ा चकरा सी गई । इससे पहले कुछ समझती, बड़े प्यार से रमेश बोला – “खुश हो जाओ जान…. फ्लैट खरीद रहा हूँ और जल्द ही तुम्हें, तुम्हारे अपने खुद के घर ले जाऊँगा और हाँ, जॉइंट बैंक अकाउंट के लिए पेपर साइन कर दिए हैं, जमा करवा देना।”
डबडबाई आँखों से चैक साइन करते हुए रीमा समझ चुकी थी कि वो दहेज की पहली किस्त भर रही है ।
अंजु गुप्ता