ब्लॉग/परिचर्चा

सदाबहार काव्यालय-2

हाइकु

 

1.मिले थे दुःख

किया है मुकाबला

अब हैं सुख.

 

 

2.देश महान

रखें साफ-सफाई

सच्चा ज्ञान.

 

 

3.बीजे बबूल,

कांटे-ही-कांटे मिले,

समझी भूल.

 

 

4.महान काम,

दान करे जो आंखें,

उसे सलाम.

 

 

5.तितली आई,

फूलों पे मंडराती,

मन को भाई .

 

 

6.चुप में सुख

बहुत बोला था जब

मिले थे दुःख.

 

7,काम महान

दान करे जो आंखें

उसे सलाम.

 

 

गुरमेल भमरा

 

 

हम उन सभी कवियों के अत्यंत आभारी हैं, जो सदाबहार काव्यालय के लिए अपनी काव्य-रचनाएं प्रेषित कर रहे हैं. आप एक से अधिक काव्य-रचनाएं भी भेज सकते हैं, लिखते रहिए, इस पते पर भेजते रहिए.

 

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*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244