लघुकथा

सॉफ्टवेयर का हार्ड तमाचा

कोर्ट के कटघरे में अपराधी के रूप में खड़े डॉक्टर अजय को अफसोस हो रहा था, कि वह सॉफ्टवेयर का डॉक्टर क्यों नहीं बना? आज उसे मौज-मस्ती के उन कुछ हसीन पलों की याद नहीं आ रही थी, जिनके कारण वह यहां तक पहुंचा था, उसे याद आ रही थी अपनी पत्नी श्वेता की बेवफाई.

श्वेता ने ही तो अपने पति पर शक के कारण निगाह रखने के लिए उसके फोन में एक ऐसा सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल कर दिया जिससे वह उसके फोनकॉल्स सुन सकती थीं और मेसेज भी पढ़ सकती थीं. उसी से उसे पता चला कि मैंने किसी का रेप कर दिया है.

उसने यह भी देख-सुन लिया था कि मैं एक बार में एक महिला से मिला था और वहां हम दोनों ने शराब पी. बाद में मैं महिला को घर छोड़ने उसके साथ गया और बीमार होने का बहाना कर वहीं रुक गया. रात को मैंने महिला का रेप कर दिया. अगले दिन महिला ने मुझे फोन किया, मैंने उसे डरा-धमकाकर चुप कर दिया.

महिला तो चुप हो गई, श्वेता चुप नहीं रह सकी. उसने महिला को अपने पति के अपराध के बारे में बता दिया.

महिला अपने रेपिस्ट की पत्नी पर भला विश्वास क्योंकर करती? उसने दोनों पर केस कर दिया. श्वेता ने सॉफ्टवेयर का हार्ड सबूत पुलिस के हवाले कर दिया.

अजय अभी भी उसी सॉफ्टवेयर के हार्ड सबूत के करारे तमाचे की लाली को अपने गाल पर महसूस कर रहा था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सॉफ्टवेयर का हार्ड तमाचा

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा ,विचारे डाक्टर साहिब . लघु कथा नए युग के चमत्कार के बारे में है .

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