चिड़िया रानी
चिड़िया रानी, चिड़िया रानी,
तुम तो निकली बड़ी सयानी।
मेरी बगिया में तुम आई,
एक पेड़पर जगह बनाई।
मिहनत से मुँह कभी न मोड़ा,
तिनका-तिनका तुमने जोड़ा।
एक घोंसला वहाँ बनाया,
जो हमसब के मन को भाया।
कभी न की तुमने शैतानी,
तुम तो निकली बड़ी सयानी।
बच्चे आये वहाँ तुम्हारे,
छोटे-छोटे, प्यारे-प्यारे।
दाने उनको रोज खिलाती,
उड़ना भी तुम ही सिखलाती।
चूँ-चूँ, चूँ-चूँ बच्चे गाते।
चहक-चहक डालोंपर जाते।
तुमसे बगिया हुई सुहानी।
तुम तो निकली बड़ी सयानी।