युवा चेतना के दोहे (विवेकानंद जयंती 12 जनवरी पर)
युवा चेतना दे रहे,स्वामी जी सानंद !
था ‘विवेक’ पाया सदा,इसीलिये ‘आनंद’ !!
किये काम,सो हैंअमर,सदा रहेंगे पास !
नव उजास,नव तेज में,उर्जा का अहसास !!
अमरीका में छा गये,दे संस्कृति का ज्ञान !
सकल विश्व में बढ़ गया,तब भारत का मान !!
परिभाषित कर धर्म को,फैलाया आलोक !
खुशी,हर्ष,उल्लास दे,परे हटाया शोक !!
मानवता की भावना,सद्भावों का सार !
देकर के हर एक को,महकाया संसार !!
सभी धर्म तो श्रेष्ठ हैं,दिया प्रखर आवेश !
हिल-मिलकर सारे रहो,दिया नवल संदेश !!
परमहंस के ज्ञान को,देकर व्यापक मान !
आदर्शों को संग ले,रच डाला अभियान !!
दुनिया करने लग गई,भारत की जयकार !
निज करनी,निज ज्ञान से,दिया हमें उपहार !!
इंसानी जज़्बात हैं,तब ही मानव ख़ास !
सिखलाया हमको यही,हो मानवता-वास !!
“शरद” करे उनको नमन्,थे संतों के संत !
जब तक उनकी सीख है,नहीं सत्य का अंत !!
— प्रो.शरद नारायण खरे