“चिंकू ने आनन्द मनाया”
नया साल जबसे आया है।
साथ बहुत सरदी लाया है।।
शीतल छाया, शीतल काया।
नभ में घना कुहासा छाया।।
मैदानों में धूप नहीं है।
मौसम भी अनुरूप नहीं है।।
शीतल पवन चल रहा सर-सर।
चिंकू काँप रहा है थर-थर।।
मुन्ना स्वाटर लेकर लाया।
उसको चिंकू को पहनाया।।
चिंकू ने आनन्द मनाया।
जाड़े का हो गया सफाया।।
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)