जोकर !
हंसता हूँ और हंसाता हूँ मैं
यूं अपने गम छुपाता हूँ मैं
तुम जिसे हुनर जानते हो
वो हकीकत बताता हूँ मैं
चाहे अरमां टूट चुके हो
फिर भी मुस्काता हूँ मैं
चंद रुपए की खातिर देखो
जान की बाजी लगाता हूँ मैं
मेरे रोने पे हंस दी दुनिया
जग को ऐसे हंसाता हूँ मैं
जोकर हूँ ! हां जोकर हूँ मैं
खुद को यही समझाता हूँ मैं ।