गीतिका/ग़ज़ल

जिंदा रखोगे तो जी लेंगे

तू दर्द में रखेगा हम दर्द में जी लेंगे
जिस हाल में रखेगा उस हाल में जी लेंगे,

भरोसा तुझपर है पूरा शंका नहीं तनिक भी
रुलायेगा तो रो लेंगे हसायेगा तो हंस भी लेंगे,

तुमको पसन्द गर है आंखों में मेरे आंसू
सारा समन्दर अपनी आंखों से हम पी लेंगे,

तेरी मर्जी हो तो कट जाए गला भी मेरा
उफ़ न करेंगे अपने होठों को हम सी लेंगे,

सच कहने सच सुनने और सच सहने के लिए
लड़ना पड़े अपनों से तो हम लड़ भी लेंगे,

चुप रहने के लिए राज न कहने के लिए
जहर पीना पड़े तो जहर भी हम पी लेंगे,

मोहब्बत हो गई है तुमसे फिर क्या सोचना
मौत दोगे तो मर जाएंगे जिंदा रखोगे तो जी लेंगे,

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :[email protected]