प्रेरणा
प्रेरणा लेना चाहूं तो
प्रकृति का हर सृजन प्रस्तुत है,
मुझे प्रेरणा देने को.
लंबे-लंबे डग भरकर चलते हुए किसी लंबे व्यक्ति को
तेज़ी से चलते देखकर
प्रेरणा मिलती है लंबे डग भरकर चलने की,
किसी लंगड़ाते हुए व्यक्ति को
दौड़ते हुए देखकर
प्रेरणा मिलती है दौड़ते रहने की,
किसी मुरझाए हुए फूल को
पुनः खिलते हुए देखकर
प्रेरणा मिलती है पुनः-पुनः खिलते रहने की,
रेस में गिरकर हारते हुए व्यक्ति को
रेस जीतते हुए देखकर
प्रेरणा मिलती है कभी हार न मानते रहने की.
इसी प्रेरणा ने मुझे शक्ति दी है
किसी भी हाल में
हर परिस्थिति का सामना करते रहने की.
आदरणीया बहनजी ! यह क्षणिका भी अति उत्तम लगी । प्रकृति अपने सभी रूपों में कुछ न कुछ प्रेरणा देते रहती है । जरूरत होती है तो उस प्रेरणा को देखने की क्षमता रखनेवाले नजरों की और उसे ग्रहण कर यथार्थ में उतारने की । गुरमैल भाईसाहब की आत्मकथा में भी प्रेरणा ग्रहण करने के कई ऐसे पल आये हैं । कई बार असफल होने के बाद भी मकड़ी आखिर अपनी इच्छित जगह पहुंच ही जाती है यह देखकर हौसला कायम रखने की प्रेरणा स्वतः ही मिलती है । अति सुंदर प्रेरणादायक रचना के लिए आपका धन्यवाद ।
lila bahan , kshanika prerna bahut achhi lagi .
तारीफ से प्रेरणा ने आगे विकलांग टेनिस खिलाड़ी को टीचिंग प्रफेशनल बनाया-
रॉजर क्रैफोर्ड एक्ट्रोडैक्टिलिजम से पीड़ित थे। यह एक असामान्य जन्मजात डिसऑर्डर है। अमेरिका में पैदा होने वाले 90 हजार बच्चों में से एक को यह दोष रहता है। डॉक्टर ने बताया कि रॉजर कभी चल नहीं पाएगा। रॉजर जैसे-जैसे बड़े होते गए, उनकी विकलांगता पहचान में आने लगी। माता-पिता उनका उत्साह बढ़ाते हुए कहते, ‘बेटा तुम विकलांग सिर्फ वहां तक हो, जहां तक तुम खुद को विकलांग समझते हो। वरना दुनिया की कोई ताकत तुम्हें विकलांग नहीं बना सकती। तुम अत्यधिक बुद्धिमान हो और पूरी दुनिया पर विजय पाने की ताकत रखते हो।’
आज वे ऐसे पहले विकलांग टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्हें यूनाइटेड स्टेट्स प्रफेशनल टेनिस असोसिएशन ने टीचिंग प्रफेशनल के रूप में प्रमाणित किया। वह कहते हैं, ‘चाहे आपकी हालत कैसी भी हो, आप विजेता बन सकते हैं।’
प्रेरणा और प्रोत्साहन का एक शब्द ही जादू कर देता है और साहस में पंख लगा देता है.