खट्ठा-मीठा : नौकर वही जो लालू मन भाये
आज के ज़माने में ऐसे स्वामिभक्त नौकर बहुत दुर्लभ होते हैं जो अपने मालिक की सेवा करने के लिए खुशी-खुशी जेल जाने को भी तैयार रहते हैं। चारा चोर लालू प्रसाद इस मामले में बहुत भाग्यशाली हैं। वे स्वयं चारा घोटाले में सजा काटने जेल में हैं, तो उनके दो-दो नौकर भी तत्काल चोरी के झूठे आरोपों में उसी जेल में पहुँच गये, ताकि अपने मालिक की पूर्ण निष्ठा से सेवा कर सकें।
बुरा हो उस पुलिस अधिकारी का जिसने इस मामले में अपनी नाक घुसाई और षड्यंत्र सूँघ लिया। उसको पता चल गया कि चोरी का झूठा आरोपी और आरोप लगाने वाला दोनों सगे चाचा-भतीजा हैं और यह खेल उन्होंने लालू जी की सेवा करने के लिए खेला है। उस पुलिसिये ने यह भी पता कर लिया कि चोरी का दूसरा आरोपी लालू का अपना रसोइया है, जिसके हाथ का बना खाना लालू जी को बहुत पसन्द है।
यह ख़ुलासा होने से सारी योजना फ़ेल हो गयी। वे दोनों जेल में तो अभी भी हैं पर लालू जी की सेवा करने की हसरत मन में ही रह गयी।
यह तो लालू जी के साथ घोर अन्याय है कि वे जेल में मनपसन्द खाना भी नहीं खा सकते। अब क्या वे चारा खाकर अपना पेट भरेंगे?
— बीजू ब्रजवासी
माघ कृ ९, सं २०७४ वि (१० जनवरी २०१८)