माँ
माँ
तुम मेरी सदा
प्रेरणा स्रोत रहोगी,
मैंने तुम से ही सीखा है,
गगन सी ऊँचाईयों तक बढ़ना
तथा धरा सी गंभीरता
और सागर सी गहराई
माँ
मैंने तुमसे ही चटूटान सी
दृढ़ता सीखी है
तुमसे
पेडों की तरह छाँव देना
फलना फूलना
और झुकना सीखा है ।
माँ
तुमसे ही सीखा है,
नदियों के समान निरन्तर
बहते रहना
सबके प्रति दया का भाव रखना
बडो का आदर भाव
गुरू को ईश्रवर काअश मानना
माँ
मैं हमेशा तुम्हारे बताये,
रास्ते पर चलूँगा
और रहूँगा सीधा सादा
व ईमानदार इन्सान
हाँ माँ तुम्हारी तरह,
बिल्कुल तुम्हारी तरह ।।
— कालिका प्रसाद सेमवाल