सदाबहार काव्यालय-39
भाव गीत
संबंध सुहाना है
है प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है
जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है-
बादल का सागर से, सागर का धरती से
धरती का अंबर से, संबंध सुहाना है-
तारों का चंदा से, चंदा का सूरज से
सूरज का किरणों से, संबंध सुहाना है-
सखियों का राधा से, राधा का मोहन से
मोहन का मुरली से, संबंध सुहाना है-
पेड़ों का पत्तों से, पत्तों का फूलों से
फूलों का खुशबू से, संबंध सुहाना है-
जन-जन में प्रेम झलके, हर मन में प्रेम छलके
मन का इस छलकन से, संबंध सुहाना है-
लीला तिवानी
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लीला बहन , गीत बहुत सुन्दर लगा .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको गीत बहुत सुंदर लगा. सब आपके प्रोत्साहन का सुपरिणाम है.
बसंत पंचमी हमारे देश का प्रेमोत्सव यानी वेलेंटाइन डे है. प्रेम के इस त्योहार पार आइए प्रेम का प्यारा-सा गीत गुनगुनाएं-
है प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है
यह गीत 14 फरवरी 2005 वेलेंटाइन डे पर लिखा गया था. तब से यह बहुत लोकप्रिय है और अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका है.