चुमकी चिड़िया – बाल कविता
भोर खिली, सूरज मुस्काया
देख-देख अंबर हर्षाया
चुमकी चिड़िया जाग गयी है
सारी सुस्ती भाग गयी है
उसकी माँ ने बोला था कल
अब तू भी दाने चुगने चल
सो चुमकी करती तैयारी
उड़ने की आई है बारी
भोर खिली, सूरज मुस्काया
देख-देख अंबर हर्षाया
चुमकी चिड़िया जाग गयी है
सारी सुस्ती भाग गयी है
उसकी माँ ने बोला था कल
अब तू भी दाने चुगने चल
सो चुमकी करती तैयारी
उड़ने की आई है बारी