कविता

वृद्धाश्रम में वृद्ध

मां, मां, सुनो ना मेरी एक बात,
क्यो करती हो दादी से, झगड़े दिन रात,
मिलकर यहां रहेंगे, सब एक साथ।
प्यारा होगा दिन और रात,
मां, मां, सुनोना मेरी एक बात।।
दादी मां वृद्धाश्रम में जाएंगी,
घर – बार छोड़कर कैसे, वहां पर रह पाएंगी
सबको दादी बहुत याद आएंगी
रात में सोने से पहले मुझे लोरी कौन सुनाएगा,
राजा, रानी, परियों, भगतसिंह।
के वीरता की कहानियां कौन सुनाएगा।
सर पर सहलाकर हाथ, कौन मीठी नींद सुलाएगा।
पापा जी के मार से कौन मुझे बचाएगा,
नहीं चाहिए मुझे और कुछ, बस दादी का प्यार मिले।
तुमको सास, पापा को, मां का दुलार मिले,
क्या तुम नहीं चाहती, मुझे यह खुशी और प्यार मिले।

✍️ संजय सिंह राजपूत ✍️

संजय सिंह राजपूत

ग्राम : दादर, थाना : सिकंदरपुर जिला : बलिया, उत्तर प्रदेश संपर्क: 8125313307, 8919231773 Email- [email protected]