गीतिका/ग़ज़ल

दिल दुखाया नहीं करते

यूं तो हम किसी का भी दिल दुखाया नहीं करते। साथ रह कर भी उनको कभी सताया नहीं करते। बनाना चाहते है वो बेवफा अपनी तरह मुझको, उजाड़ दूसरे का अपना घर बसाया नहीं करते। आज जो है कल जाना ही दुनिया की पुरानी रीत है, पर लोग ऐसे भी हैं जो नई चीज़े बनाया […]

गीतिका/ग़ज़ल

मैं भी एक इंसान हूं

मैं भी इंसान हूं इक हसीं स्वपन देखना चाहता हूं, सरेराह बुर्के में भी तन नगन देखता चाहता हूं। मैं इटली का मुझे क्या मतलब भारतीय संस्कृति से, मंदिर – मस्जिद में छेड़ता सज्जन देखना चाहता हूं। अकेला नहीं मैं हवस का पुजारी इस जहान में, कलियों में भी गदराया यौवन देखना चाहता हूं। संस्कारी […]

गीतिका/ग़ज़ल

देश के हालात नासाज हैं

मूल विनाश नेहरू ने किए आउल गांधी तो व्याज है। इसीलिए मेरे देश की जनता कांग्रेसियों से नाराज़ हैं। ये जो बेरोजगारी का आलम है मेरे देश में साहब, इसके पीछे भी राजनेताओं के छिपे गहरे राज है। सुनिए जिसमें परत दर परत छिलके मिलते हो, आलू नहीं होता साहब उसी को कहते प्याज हैं। […]

गीतिका/ग़ज़ल

बचाता रहा हूं मैं

बचपन से बस एक यही तो पाता रहा हूं मैं। अपनों से हमेशा ही धोखा खाता रहा हूं मैं। मुझे खुशी है कि आज मैं भी दादा बन गया, नया क्या है कभी किसी का पोता रहा हूं मैं। आज जो सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हो, भूल गए क्या तुम्हारे जमाने में तोता […]

गीतिका/ग़ज़ल

गांधी एक शूल

गांधी एक शूल साहब हम हिंदू हैं अपने दुश्मनों को भी शुभाशीष दिये, वो तो कुछ जनेऊधारी है जो आपस में हमें पीस दिये। भगत सिंह जो फांसी चढ़े गांधी का भी कुछ रोल रहा, सत्य अहिंसा के मौलवी ने बंटवारे का निशां खींच दिये। भूल गये उन बलिदानों को हिंदू मुस्लिम सब साथ लड़े, […]

कविता

पप्पू के अनमोल बोल

कोई पप्पू बुलाता है, कोई आऊल समझता है, मगर यूं मेरी नाकामी को पुरा विश्व समझता है। यूं कुर्सी दूर मुझसे हैं, मैं कुर्सी से दूर कैसा हूं, मेरी पार्टी समझती हैं, या फिर खुद समझता हूं। कभी मैं जनेऊधारी हूं, कभी मैं इफ्तारकारी हूं, धर्मों की इज्जत नहीं करता, बड़ा ही संस्कारी हूं। चाहे […]

कविता

हां! मैं नया हिंदू पाकिस्तान बनने को तैयार हूं।।

कभी दिग्विजय तो कभी मणि अय्यार हूं, कभी नबी आजाद तो कभी थूक थू थूरार हूं। हिंदू पाकिस्तान बनेगा भारत सुनकर हैरान हूं। तुम जैसे हिन्दू दल्लों से सचमुच शर्मशार हूं। सब धर्मों का आदर करना संस्कार में हैं मेरे, दुश्मन को भी दोस्त बना लूं व्यहार में है मेरे। उठो हिंदुओं करो मुकाबला फरियाद […]

कविता

।। गणपति बप्पा ये क्या हो रिहा ।।

।। गणपति बप्पा ये क्या हो रिहा ।। हे! गणपति बप्पा मोरया, भारत में देखो क्या हो रिहा, प्रधानमंत्री के हत्या की साज़िश भारत में ही हो रिहा। जिनके पूर्वज मरे थे ऐसे ही पर उनको भी शंका हो रिहा, प्रधानमंत्री की हत्या के साजिश पर भी राजनीति हो रिहा। हे! गणपति बप्पा मोरया, भारत […]

राजनीति

कांग्रेसियों ने ली राहुल बाबा की सुपारी

मुझे तो अपनों ने लुटा गैरों में कहां दम था। मेरे कश्ती थी डूबी वहां जहां पानी ही कम था। यहां पर हिंदी फिल्म दिलवाले का यह डायलांग एक दम सटीक बैठता है। वैसे तो राहुल गांधी अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके हैं। वह भाजपा को हराने के लिए हर एक कोशिश कर […]

कविता

बनना चाहते हैं हैवान तो फिर इन्सान बनाये कौन ?

बनना चाहते हैं हैवान तो फिर इन्सान बनाये कौन ? डूब गये आधुनिकता में, नैतिकता का पाठ पढ़ायें कौन, बन रहा वीडियो घायल का अस्पताल लेकर जाये कौन। मानव बना तराजू अब हर रिश्ते को पहले तौलता है, ठीक नहीं यह आदत उसकी, भला उसको बतलाए कौन। बनना चाहते हैं हैवान तो फिर इन्सान बनाये […]