गीत … देश-भक्ति के नए तराने
माटी से चंदन-सी ख़ुशबू हरदम आती है,
देश-भक्ति के नए तराने दुनिया गाती है।
सत्य, अहिंसा, न्याय, धर्म की पावन धरती है,
जहाँ हिमालय से सुरसरि की धारा बहती है।
राम, कृष्ण, गौतम की गाथा मन को भाती है,
देश -भक्ति के नए तराने दुनिया गाती है।
ज्ञान दिया जिसने दुनिया को उसको वंदन है,
सिखलाई मर्यादा जिसने रघुकुल-नंदन है।
रामायण, गीता की वाणी अपनी थाती है,
देश -भक्ति के नए तराने दुनिया गाती है।
है बलिदानी माटी अपनी, गौरवशाली है,
नारी पीछे नहीं तनिक भी दुर्गा-काली है।
झांसी वाली उस रानी की याद न जाती है,
देश-भक्ति के नए तराने दुनिया गाती है।
फांसी के फंदे को चूमा, शीश कटाया है,
भारतमाता को हर बेटा ऐसा भाया है।
हर बलिदानी के चरणों पर सुमन चढ़ाती है,
देश -भक्ति के नए तराने दुनिया गाती है।
जब-जब सरहद ने ललकारा, फ़र्ज़ निभाया है,
देश-विदेश में भी भारत का मान बढाया है |
गंगा,यमुना सरस्वती-सी अलख जगाती है,
देश-भक्ति के नए तराने पूनम गाती है।
माटी से चंदन-सी ख़ुशबू हरदम आती है,
देश-भक्ति के नए तराने पूनम गाती है।
— पूनम माटिया