खेल-खेल में
खेल-खेल में सीख सकें हम गाना और बजाना,
खेल-खेल में सीख सकें हम हंसना और मुस्काना,
खेल-खेल में जाना हमने खेल ही से जीवन है,
खेल-खेल में सीखा हमने मेल से अपनापन है.
खेल-खेल में सीखते हैं हम बैटिंग और फिर बॉलिंग,
खेल-खेल में पहुंच क्रिकेट में करने लगते कैचिंग,
एक दिवस हम पाते खुद को क्रिकेट की बड़ी टीम में,
नाम कमाते देश का भी और लाइफ बनती इंट्रेस्टिंग.
खेल-खेल में सीखते हैं हम कूद-फांद के खेल,
बचपन में हम मिलके खेलते थे बनते थे रेल,
खेल-खेल में कपिल-कोहली-सचिन हैं हम बन पाते,
खेल-खेल में सिंधु-सानिया-सायना हम बन पाते.
छोटे-छोटे खेल खेलकर बनते बड़े खिलाड़ी,
”खेलो इंडिया खेलो” से हम नहीं रहेंगे अनाड़ी,
खेलो ऐसे खेल कि जिनमें प्रतिभा आपकी निखरे,
स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा आपका नाम देश का उभरे.
आज से दिल्ली में बड़े पैमाने पर ”खेलो इंडिया खेलो” शुरु हो रहा है, जिसके ज़रिए अनेक प्रतिभाएं उभरकर सामने आएंगी, जो आगे चलकर अपना और देश का नाम रोशन करेंगी.