एक देश अनेक धर्म
देश हमारा एक है बच्चो,
अलग-अलग हों चाहे धर्म,
अपना-अपना धर्म पालते,
करते रहना है शुभ कर्म.
रहते हिंदू इस भारत में,
करते पूजा मंदिर में,
‘राम-कृष्ण’ कह शीश झुकाते,
हाथ जोड़ते मंदिर में.
यहीं पर रहते मुस्लिम भाई,
मस्जिद में है इनकी खुदाई,
कहकर ‘अल्लाह’ करें बंदगी,
नहीं किसी की करें बुराई.
सिक्खों की अब बात सुनो तुम,
गुरुद्वारों में पूजा करते,
‘गुरु नानक’ को खूब मानते,
नहीं किसी से हैं ये डरते.
जो कहलाते ईसाई हैं,
‘ईसा’ के ये शैदाई हैं,
गिरिजाघर में वो जाते हैं,
पवित्रता को अपनाते हैं.
चाहे किसी धर्म को मानें,
पहनें कैसी भी पोशाक,
हम तो भारतवासी पहले,
याद रखें और बन जाएं पाक.
भारत प्यारा देश हमारा,
है सारे देशों से न्यारा,
विंध्य-हिमाचल रक्षा करते,
सींचे गंगा-यमुना धारा.
इसकी हर बेटी प्यारी है,
हर बेटा है इसका दुलारा,
एक ही माला के हम मोती,
यह है अपना भाग्य-सितारा.