अंगार
हमने चरखा बदल दिया है बारूदी अंगारों से
बहत छले गए है अबतक गांधीवादी नारों से
लोकतंत्र के मज़बूरी में देश नहीं बिकने देंगे
उमर कन्हैया जिग्नेशो को यहाँ नहीं टिकने देंगे
जो जो इनके साथी है गिन गिन इन पर वार करो
संसद कोर्ट कचहरी से बाहर इनका प्रतिकार करो
देश बचाना ही होगा जे यन यू के गद्दारों से
गंगा जमुनी के खातिर बन्दे मातरम् धिक्कार बने !
टुकड़े करने वाले नारे सत्ता का हथियार बने !
भय ब्याप्त जिसे है भारत में वह माननीय कहलाता है
जो भारत का अपमान करे सम्मान वही क्यों पाता है ?
इसका उत्तर लेना होगा अभिब्यक्ति के सरदारों से
रण एक शेष है अभी यहाँ राष्ट्रभक्त और गद्दारों में
आर्यों और अनार्यो में लोभी भोगी मक्कारों में
यह महा भयंकर रण होगा सारे भोगी मिट जायेंगे
टुकड़े करने वालो के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे
देश मुक्त हो जाएगा माननीय मक्कारों से
वाह ! बहुत खूब ! आपकी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक ।