रात बीती
रात बीती अब सवेरा हो रहा।
नींद टूटी है अंधेरा खो रहा।।
रात के तारे उजाले में छिपे।
तू अभी सपनों की चाह सो रहा।।
तू रहा सोया तो जाने क्या हो।
तू अभी चूका तो जाने क्या हो।।
स्वप्न सभी साकार करने जाग जा,
तू अभी सोया तो जाने क्या हो।।
।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7978869045