ये तेरी प्यारी आंखें
तुम्हारी कारी-कजरारी-मतवाली आंखें,
तुम्हारी नेह से भीगी हुई-सी प्यारी आंखें,
मदभरी ये तेरी श्वेत-श्याम-रतनारी आंखें,
दिखातीं कैसे-कैसे रंग ये तेरी दो बड़ी-बड़ी आंखें.
कभी श्वेत-से दिखती हैं ये तेरी प्यारी आंखें,
ये तेरे साफ दिल की झलक निश्चय ही होगी,
या कि रंग चम्पा का चुराया तेरी आंखों ने,
धवलता दुग्ध की इससे बढ़कर तो नहीं होगी.
कभी आंखों में तेरी झलकती हुई श्यामलता,
सलोने-सांवले मोहन की याद दिला जाती हैं,
दृढ़ निश्चय की प्रतीक काजल बिना काली आंखें,
यमुना-नीर की बरसात-सी कर जाती हैं.
कभी गूलर-पुष्प-सी लाल रतनारी आंखें,
तेरे अंतर्मनस की आभा दिखा जाती हैं,
सह नहीं पातीं अन्याय ये तिल भर भी,
इसी आक्रोश की ज्वाला मानो प्रत्यक्ष झलकाती हैं.
कभी खोई-सी, उदास-सी पीली आंखें,
तेरे अंतर की वेदना दर्शाती हैं,
देखकर लगता ही नहीं ये तेरी अनमनी आंखें,
कभी आनंद से, उल्लास से हंस पाती हैं.
इन्हीं आंखों में कभी देखा है भय भी,
कभी आश्चर्य से विस्मित इन्हें देखा है,
कभी निस्सारता की प्रतिमा-सी ये खाली आंखें,
कभी निस्सीम गगन को सहर्ष निहारते देखा है.
इतने सारे रंगों वाली ये तेरी प्यारी आंखें,
चितचोर-मनमोहक ये तेरी प्यारी आंखें,
तेरे सुनयना नाम को सार्थक करती तेरी मतवारी आंखें,
आती हैं अक्सर याद ये तेरी प्यारी आंखें.
सुनयना नाम को सार्थक करती तेरी मतवारी आंखें,
आती हैं अक्सर याद ये तेरी प्यारी आंखें.
सच है आंखें दिल की जुबान होती हैं,
खामोशी से प्यार की दास्तान बयान होती है.