प्यार में धोखा -लघुकथा
घर पर आईं मिसेज तिवारी से मैंने पूछा -“ नंदिता की शादी क्यों टूट गई, दोनों ने खुद पसंद करके शादी की थी | फिर ऐसा क्या हुआ कि रिश्ता टूट गया ” |
मिसेज तिवारी ने कहा -“ अब क्या बताऊँ | नंदिता का प्यार अपने सहपाठी श्रीकांत से हो गया | दोनों ने शादी करने का संकल्प लिया लेकिन श्रीकांत ने शर्त रखी कि शादी से पहले तुम्हें नौकरी छोड़नी पड़ेगी | नंदिता उसके प्यार में अंधी हो चुकी थी इसलिए उसने उसकी शर्त मान ली | श्रीकांत का बारह लाख का पैकेज था | घर-बर सब अच्छा देख हमने दोनों की शादी कर दी |
कुछ ही समय बाद नंदिता ने मुझे बताया था कि श्रीकांत उसे किसी से बात नहीं करने देता | यहां तक कि वह कहता है कि बिना मेरी परमीशन अपने भाई -बहन या माँ -बाप से भी बात नहीं करना और वह रोज मेरा फोन चेक करता है कि मैंने किसी से बात तो नहीं की | आधी रात में किसी न किसी बहाने झगड़ा करता है और मारता -पीटता है और फिर आधी रात को ही मुझे हमारे घर छोड़ने आता है और गेट पर पहुँचने पर फिर वापस चलने को कहता है और जब वह नहीं मानती तो फिर मारता है | एक दिन किसी तरह उसके चंगुल से हाथ छुड़ाकर वह घर आ गई | हमेशा रोती रहती पर कुछ बताती नहीं |
एक दिन उसके पापा ने पूछा -“ यह सब क्या चल रहा है” ?
तब उसने सच बताया |
उसके पापा ने श्रीकांत से बात की “ पत्नी को मारना पीटना यह कैसे संस्कार हैं, क्या तुम्हारे मम्मी -पापा ने यही सिखाया है” ?
श्रीकांत गुस्से में आ गया और बोला ,तुम देखना “मैं तुम्हारी बेटी का क्या हाल करता हूँ ” |
फिर वह नंदिता को लेने नहीं आया और नौकरी छोड़कर पटना चला गया |
जब हमने उसके माता -पिता से पूछा -“ आप नंदिता को लेने कब आ रहे हो” ?
तब उन्होंने कहा -“हमारे पास समय नहीं है, आप लाकर छोड़ दीजिये ”|
हमें यह बात उचित नहीं लगी फिर भी हमने नंदिता की मर्जी जानना चाही |
नंदिता से हमने पूछा -“ क्या तुम जाना चाहती हो ”?
उसने कहा -“ एक बार मैं अंतिम कोशिश करना चाहती हूँ पापा क्योंकि मैंने अपनी पसंद से शादी की है ”|
हम नंदिता को छोड़ आये | उन्होंने उसे नौकरानी बनाकर रखा |घर का पूरा काम उससे ही करवाते | श्रीकांत उससे बात भी न करता पर सब उसपर कड़ी निगरानी रखते | जब हम फोन करके बात करते वे सामने रहते| इसी तरह नौ माह बीत गए |
एक दिन किसी तरह पड़ोस की लड़की के सिम से नंदिता ने बात की तब उसने हमें बताया कि “ अब सहन नहीं होता ,मुझे आकर ले जाओ ”|
हम गाडी लेकर गए और उसे ले आए | तलाक का केस उन्होंने किया | बहुत ही भागदौड़ करने के पश्चात मुश्किल से तलाक मिल पाया |
नंदिता को बहुत दुःख हुआ कि उसने प्यार में धोखा खाया लेकिन अब वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन गई है |
**डॉ. रमा द्विवेदी **