ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव
”अंबर से अवनि तक देखो,
उषा ने आंचल फैलाया,
अपनी अरुणिम लाली लेकर,
छितराती आई वह माया.”
अंबर से अवनि तक का यह मनोहारी दृश्य तो मैंने अनेक बार द्देखा-निहारा है, उसे अपनी कविता-कहानी का विषय भी बनाया है, लेकिन आज अंबर में अवनि को देखकर मन विभोर हो गया. मैंने तो क्या, खुद अवनि ने भी शायद ही कभी सोचा हो कि एक अनोखे ऐतिहासिक क्षण का निर्माण करते हुए वह अंबर मे अकेले जाएगी और वह भी खुद अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर. आज उसने इतिहास रच दिया. आज के अखबार अवनि की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सुर्खियों से अटे पड़े हैं-
”अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर अवनी चतुर्वेदी ने रचा इतिहास”
”फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले उड़ाया फाइटर जेट, ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला”
”इतिहास रचने वालीं फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी की बेहद खास तस्वीरें…”
सोशल मीडिया पर भी उसकी उपलब्धियों की धूम मची हुई है.
अवनि के अभिभावक भावविभोर होकर चेस, टेबल टेनिस खेलने के साथ-साथ स्केचिंग और पेंटिंग करने वाली बेटी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं.
महिला फाइटर पायलट बनने के लिए 2016 में पहली बार तीन महिलाओं अवनि चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना को वायु सेना में कमिशन किया गया था. 19 फरवरी, 2018 को सुबह अवनी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया। वह अकेले फाइटर एयरकाफ्ट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं.