होली
न या पिचकारी न वा पिचकारी
होली म अबकी चलइबे दुधारी
खाली तिजोरी पीएनबी की करिगें
सगल बोझ मोदी के काँधें म धरिगें
सफाई के अभियान के बनिगें अगुवा
रंगारंग खुद होइके नीरव निकरिगें
बड़े बोल वालेन की बोली न निकरै
गले मा फँसी है य हड्डी उधारी
होली म अबकी चलइबे दुधारी…
मिले एक जन उनके खुब रँग लगावा
हरा रंग चुपरा केसरिया चलावा
जइसे रहैं तइस निकरे महाशय
ऊपर न उनके तनिक फर्क आवा
पीछे से पी.के. कहिन ई हैं पप्पू
चीकन घड़ा से मशीनौ है हारी
होली म अबकी चलइबे दुधारी…
दिल्ली के सी एम का रंगै उतरिगा
मफलर झूठाई का कोने म धरिगा
सबहीं विधायक शिकंजे म फँसिगे
पजावा सगल इनका खंझर निकरिगा
जनता कहै फिर न निकरै नमूना
अन्ना हजारे के फिर पाँव भारी
होली म अबकी चलइबे दुधारी…
वादा रहै खाय देबे न खइबे
गुझिया रोजगार वाली खवइबे
होली विकासै के साथे मनी अब
विदेशन से रँग काला वाला मँगइबे
जनता का टूटै न अबकी भरोसा
अच्छे दिनन की कटै इंतजारी
होली म अबकी चलइबे दुधारी…
प्रवीण ‘प्रसून’