होली के टप्पे
-१-
हंसी खुशी का मौज मजे का होली का त्योहार
जिस पर पडे रगं का छींटे,बुरा ना माने यार
मिटाती नफरत होली
कलम कर रही ठिठोली
-२-
हाँ होली के कई फायदे ,होते हैं हर साल
एक बार छूने को मिलते भाभीजी के गाल
नशा दारु से बढ़ कर
पियो प्यारे जी भर कर
3 —
मन ही मन कुछ लोग मनाते कितना अच्छा होय
नर से नर ही नही मिलन नर नारी का भी होय
लाटरी सबकी निकले
टेस्ट होली में बदले
-4-
बावन बीघे पोदीना हैं जिनकी छत पर यार
होली का चंदा देने में, उनको चढ़े बुखार
बड़े है लोग निराले
मेरी कॉलोनी वाले
-५-
होली का चंदा था अब तक,. सौ रुपया सालाना
किया पांच सौ बिना बताये बोले पीना खाना
माल आया अंटे में
दुनिया जाये घंटे में
— मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ