कविता कविता डॉली अग्रवाल 05/03/201805/04/2018 खामोशी का लिबास पहन बहुत कुछ कहने का मन करता है कभी कभी शब्दों में तुझे पिरो कर गुनगुनाने का बहुत मन करता है कभी कभी तू बेखबर नहीं जानती हूँ मैं बस यूँ ही तुझे आजमाने का मन करता है कभी कभी — डॉली