जश्न
अभिषेक मालवीय और अभिजीत अभिराज ने इंग्लिश में एक उपन्यास लिखा था- ”थ्री साइडेड लव स्टोरी”. यह उपन्यास सिर्फ़ भारत में ही नहीं, आठ देशों में चर्चित हुआ. खुशी की इस बेला में दोनों अपनी कोशिश की कामयाबी का जश्न मनाते हुए अतीत की यादों में खो-से गए.
इस कामयाबी से पहले उन्हें नाकामयाबी से भी दो-चार होना पड़ा था. वे 12वीं कक्षा पास करके मेडीकल परीक्षा की तैयारी करने हेतु कोचिंग के लिए कोटा गए थे. कोटा में वही हुआ, जो अक्सर बाकी विद्यार्थियों के साथ होता है. बहुत मेहनत से कोचिंग करने के बावजूद वे नाकामयाब हो गए. दोनों मायूस-से बैठे थे. अभिजीत को ग़ज़लों का शौक था. उसने यूं ही सर्फिग करते हुए एक ग़ज़ल पढ़ी. ग़ज़ल का अंतिम बंद था-
”कोशिशें मानव की कहतीं कि कोशिश करते ही जाओ
कोशिशें मानव की अक्सर सफल करवाती जाती है.”
उसने बार-बार इस बंद को पढ़ा और अभिषेक को भी पढ़वाया.
”तू बार-बार इस बंद को क्यों पढ़ रहा है?” अभिषेक ने तुनककर कहा.
”तुनक मत यार, मुझे लगता है, यह बंद हमसे कुछ कह रहा है, कुछ क्या बहुत कुछ कर रहा है.” अभिजीत ने उत्साहित होकर कहा.
”तू कहना क्या चाहता है, क्या हम एक बार फिर कोशिश करें यानी एक साल और खराब करें?” अभिषेक की तुनक बढ़ गई थी.
”नहीं यार! कोशिश करें, पर जरूरी नहीं कि कोचिंग की ही करें.”
”फिर क्या करें?” अभिषेक अब सुनने के मूड में था.
”यार, तुझे याद है! हमारे इंग्लिश वाले सर हमारी इंग्लिश लिखने के स्टाइल से बहुत खुश थे और उन्होंने हमसे कई स्टोरीज़ भी लिखवाई थीं.”
”उससे क्या?”
”हम इस हुनर को और आगे बढ़ाएंगे. हमारा यह साल तो बेकार हो ही गया. इस साल हम दोनों मिलकर इंग्लिश में एक उपन्यास लिखते की कोशिश करते हैं. फिर देखी जाएगी.”
बस इसी कोशिश का नतीजा है आज की कामयाबी का जश्न, जिसे वे मना रहे थे. तभी अभिजीत के मोबाइल पर विदेश से इस उपन्यास की 50 कॉपियां भेजने का ऑर्डर आ गया. दोनों खुशी से उछल पड़े.
जीवन की कामयाबी के लिए मात्र शैक्षिक परीक्षा पास करना जरूरी नहीं है. अपने हुनर को निखारकर भी अपनी कामयाबी का जश्न मनाया जा सकता है.