नव संवत तराना
नया संवत है सुंदर-सा तराना मिलके गाना है
मिली हैं जो मधुर यादें उन्हें संग लेके जाना है-
न मंदिर-मस्जिद के झगड़े में अपनी ताकत खोएंगे
पढ़ाकर पाठ मानवता का सारे जग को जगाना है-
नहीं है भेद कोई भी सभी को एक मानेंगे
सभी का एक ही दाता उसी के गीत गाना है-
कभी सुख है कभी दुख है न यूं ही धीरज खोएंगे
निकालेंगे कोई रस्ता दुःखों से क्या घबराना है-
भले छए घटा काली, उजालों को बिछा देंगे
ये जीवन चलता जाएगा, घटाओं को बताना है-
नया संवत है सुंदर-सा तराना मिलके गाना है
मिली हैं जो मधुर यादें, उन्हें संग लेके जाना है-
नव संवत 2075 की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं.
खुश रहो सदा, यह तमन्ना है हमारी,
खिले-फूले-फले आपकी खुशियों की महकीली फुलवारी.