लघुकथा

लघुकथा – कर्मभूमि ही युद्धभूमि है

कश्मीर में दो जवान चार दुश्मन सैनिकों को ढेर कर दिया लेकिन उनमें से एक घायल और एक शहीद हो गया। अभी जम्मू के पास सारी रात गोलाबारी चलती रही। लोगों से गांव खाली करवा लिये गये। अभी सबको बचाने की कोशिश ज़ारी है। ये खबर सुनते ही राम सिंह चिंता में डूब गया। प्रभु से प्रार्थना करता, “प्रभु मेरे बच्चे ठीक हों। बेटा बलवंत सीमा पर फर्ज निभा रहा है तो बेटी पूंछ के पास गाँव में ज़मींदार के बेटे रणबीर की पत्नी है। सच्चे पातशाह उन पर मेहर करना।” तभी फोन पर राम सिंह को सूचना मिली कि उसके दोहते को गोली लगी है और उसको शहर लाया जा रहा है। घबराहट में पत्नी को आवाज़ लगा बोला, “हमें उनके पास चलना चाहिए, बेटी पता नही किस हाल में होगी।”

पत्नी बोली, “सुनो बेटी तो खुद मुसीबत में है हम और हम उस अकेली पर बोझ ना बने। यहाँ कल गन्ना भी शुगर मिल में पहुँचाना है।” राम सिंह बोला,” तुझे गन्ने की पड़ी है मुझे सरहद पर दुश्मनों से बेटे की चिंता और बेटी के परिवार की चिंता है।” फोन पर बेटी से बात करता फिर बेटे को फोन मिलाता है क्योंकि हफ्ते बाद छोटी बेटी के विवाह में तो सबने आना है। बेटी बताती है, “बेटे की बाजु में गोली लगी थी जो अब निकाल दी है। हमें ठहरने की सहूलतें सेना की तरफ से मिल रही हैं। आप चिंता ना करो ये जीवन भी कर्मभूमि सा युद्दभूमि लगता है। जो खेत को जोत काम कर रहा या सीमा पे दुश्मन से लड़ रहा है।” राम सिंह, “चलो ठीक है, कुछ जरूरत हो तो बताना।”

राम सिंह सोचता रहा- “पर शहीद जवान हो रहा, किसान तबाही में बर्वाद। ये अखबार के पन्ने ऐसी घटनाओं से स्याह होते दिख रहे हैं। जिनमें एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। ताकि जनता रोजी रोटी न मांग सके, रोजगार न मांग सके, इसलिये अधर्मी धर्म का सहारा ले रहे हैं। यही जीवन में पाया है।

रेखा मोहन

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]